काफ़ी दिन से सोंच रहा हूँ की शायद मुझे हिन्दी में ब्लॉग करना चाहिये| अपनी भाषा में लिखने का मज़ा ही कुछ और है| मुझे पता है आज कल के ज़माने में लोग लेखकों को कुछ नही समझते| मुझे दिल से निकलने वाली बातें लिखने का बोहोत शौख हैं|
एक धुंधला सा चित्र, पुराने ऐल्बम का, एक लंबा सफर एक अजनबी के साथ, कैसे शुरू करू यह कहानी जो शायद कभी ख़तम ही न हो?
हर इन्सान चाहता है के उसकी जिन्दी बेमतलब न हो, शायद इसीलिए आज कल हर तरफ़ मकसद के नाम से गुमराही फैल रही है|
शायद मुझे यह ब्लॉग कही और लिखना चाहिये? क्या आपको लगता है यह नाम "एक जिज्ञासु के रूप में मेरा जीवन: शिक्षा की कभी न खत्म होने वाली कहानी|" ठीक है?